SaTa and PaTa: Computer में Hard disk को Motherboard से Connect करने के 2 प्रकार हैं PATA जिसे IDE और SATA के रूप में भी जाना जाता है। आपने भी Computer में इस्तेमाल होने वाले SATA और PATA का नाम सुना होगा, दोनों एक दूसरे से काफी Similar है लेकिन फिर भी दोनों के बीच काफी अंतर होते है।
SATA और PATA दोनों ATA के संस्करण हैं जो आंतरिक रूप से Host system में Storage device को Attached करने के लिए Physical, transport और कमांड Protocol का वर्णन करते हैं।
अगर SATA और PATA के मुख्य अंतर की बात करें तो यह है कि SATA एक नयी Technology है जो PATA की तुलना में काफी तेज और अधिक कुशल और आकार में छोटी है जबकि PATA एक पुरानी Technology है जो पहले सबसे ज्यादा उपयोग की जाती थी।
इसके आलावा भी SATA और PATA में कुछ महत्वपूर्ण अंतर होते है जिनको Difference table के माध्यम से नीचे समझेंगे लेकिन उससे पहले हम SATA और PATA किसे कहते है इसको और अच्छे से समझ लेते है।
PaTa किसे कहते हैं? (What is PATA)
PATA का मतलब Parallel Advanced Technology Attachment से है, जो कि कप्यूटर के Motherboard से Hard disk, optical drive जैसे सेकेंडरी Storage device को Connect करने के लिए उपयोग किया जाने वाला एक बस Interface है। इसे पहली बार 1986 में Western Digital और Compaq द्वारा पेश किया गया था।
PATA केबल बहुत ही चौड़ी होती थी इसके दोनों छोर पर 40-Pin के Connector Connector लगे होते हैं। PATA केबल का एक छोर Motherboard पर आमतौर पर Port Marked IDE में Plug किया जाता है, और दूसरे छोर को Hard disk जैसे Storage device के पीछे Plug किया जाता है
PATA केबल का सबसे बड़ा नुकसान भी यही था कि यह वास्तव में बहुत चौड़ी है। इस केबल के माध्यम से Hard disk Device को Connect करना और Computer के अंदर केबल का Manage करना बहुत ही कठिन था। PATA केबल की इन्ही कमियों की वजह से इसकी जगह पर SATA केबल का इस्तेमाल किया जाने लगा।
SATA किसे कहते है? (What is SATA)
SATA का मतलब है Serial Advanced Technology Attachment यह एक बस Interface है जो Hard disk, optical drive को Computer के Mother Board से जोड़ता है। यह Technology 2001 में पेश की गयी थी।
SATA ने Computer Hardware में एक बड़ा बदलाव लाया क्योकि SATA में PATA की तुलना में अधिक लाभ हैं जैसे की हाई Data transfer Speed, Hot Swapping और इसकी केबल भी PATA की तुलना में कम चौड़ी होती है। SATA के इन्ही Advantages की वजह से इसका इस्तेमाल अधिक किया जाता है।
SATA में Data को transfer करने की दर 150 Mbps से शुरू होती हैं जो कि 100 Mbps ATA / 100 ड्राइव से भी तेज है। PATA की अपेक्षा SATA की केबल भी बहुत पतली होती है और SATA केबल एक मीटर तक लंबी हो सकती है, जबकि PATA केबल अधिकतम 40 सेमी। SATA केबल Computer निर्माताओं को अपने Computer के आंतरिक layout को Design करते समय अधिक स्वतंत्रता देता है।
संक्षिप्त में अगर कहे तो SATA केबल PATA केबल की तुलना में एक बेहतर, अधिक कुशल Interface है। यदि आप एक Computer खरीदना चाहते हैं जो आने वाले वर्षों के लिए तेज़ Hard drive का समर्थन करेगा तो आपको SATA केबल वाला ही Computer खरीदना चाहिए हलाकि अब PATA केबल के Computer अब आते है नहीं है।
SATA और PATA में क्या अंतर है? (What is the Difference Between SATA and PATA)
SATA | PATA |
1. | PATA का Full Form Parallel Advanced Technology Attachment हैं। | SATA का Full Form Serial Advanced Technology Attachment हैं। |
2. | यह एक 40 pin Connector होता है। | यह एक 7 Pin Connector है। |
3. | इसकी कीमत ज्यादा होती है। | यह लागत में सस्ता है। |
4. | PATA की Data transfer की Speed slow होती है। | Data transfer की गति अधिक है। |
5. | PATA बिजली की खपत अधिक करता है। | बिजली की खपत कम होती है। |
6. | केबल का आकार बड़ा होता है। | इसकी केबल का आकार छोटा है। |
7. | इसमें Hot Swapping की सुविधा नहीं है। | इसमें Hot Swapping की सुविधा होती है। |
8. | बाहरी Hard Drive का उपयोग नहीं किया जा सकता है। | बाहरी Hard Drive का उपयोग किया जा सकता है। |
Conclusion –
आज के इस Post में हमने जाना Difference Between SATA and PATA की SATA और PATA में क्या अंतर है इसके साथ ही SATA और PATA किसे कहते है इसको भी अच्छे से समझा।
SATA एक नयी Technology है जो PATA की तुलना में काफी तेज और अधिक कुशल और आकार में छोटी है जबकि PATA एक पुरानी Technology है, अब इसका उपयोग भी नहीं किया जाता है।
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