What is Cyber Crimes and How to Protect Yourself from Cyber Crime

Cyber Crimes से कैसे बचे – दोस्तों आज हम आपको Cyber Crimes के बारे में बताउगा। Cyber Crimes वह प्रणाली है, जिसमे सारा Computer Network रहता है। आज के इस वर्तमान समय में इस प्रकार के अपराध बहुत हाई – प्रोफाइल (High Profile) हो चुके है। तो चलिए जानते है….

What is Cyber Crimes (How to Protect Yourself from Cyber Crime)

Cyber Crimes वह प्रणाली है, जिसमे सारा Computer Network रहता है। आज के इस वर्तमान समय में इस प्रकार के अपराध बहुत हाई – प्रोफाइल (High Profile) हो चुके है। इसमें डिजिटल तथा एनालॉग सिग्नल शामिल होते है तथा इस पूरे संयोजन की आड़ में ऑनलाइन अपराध किए जाते है, इस साइबर क्राइम (Cyber Crimes) कहा जाता है। 

नेट क्राइम (Net Crimes)विशेष रूप से इंटरनेट (Internet) पर होने वाले अपराध जैसे – हैकिंग (Hacking), कॉपीराइट (Copyright), चाइल्ड पोर्नोग्राफी (Child Pornography), चाइल्ड ग्रूमिंग (Child Grooming) के समान होते है। साइबर क्राइम (Cyber Crimes) में सूचना को कानून अथवा दूसरे तरह से नष्ट किया जाता है या उसका प्रदर्शन किया जाता है। 

साइबर क्राइम (Cyber Crimes) पर कुछ अन्य समस्याएं भी हो सकती है। विश्व स्तरीय गैर – सरकारी कारक भी कई बार जासूसी, वित्तीय चोरी व साइबर अपराध (Cyber Crimes) में शामिल होते है।

अंतर्राष्ट्रीय लीगल प्रणाली (International Legal System) इसके लिए जिम्मेदार अपराधियों को पकड़ने की कोशिश अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (International Criminal Court) के साथ मिलकर करती है।

 

कंप्यूटर पर साइबर अपराधों (Cyber Crimes) में संभावित गैर – कानूनी गतिविधियों को एक वृद्ध श्रृंखला में शामिल किया जाता है। यह साइबर अपराध (Cyber Crimes) एक सामान्य प्रकार से दो प्रकार से हमला होता है। वह अपराध (Crime) जो कंप्यूटर के डिवाइस (Device) या कंप्यूटर नेटवर्क (Computer Network) को सीधा लक्ष्य बनता है।

वह अपराध (Crime) जो बुनियादी रूप से एक स्वतंत्र कंप्यूटर को अपना निशाना बनाता है। एक कंप्यूटर नेटवर्क को सीधा निशाना बनाने वाला अपराध जैसे की –

  • मालवेयर (Malware)
  • डेनायल ऑफ सर्विस (Denial of Service) 
  • कंप्यूटर वायरस (Computer Virus)

एक स्वतंत्र कंप्यूटर या ऑनलाइन प्रणाली (Online System) को नुकसान पहुंचाने वाले अपराध जैसे की –

  • साइबर ठगी (Cyber Fraud)
  • धोखा व पहचान की चोरी
  • सूचना संकट (Information Crisis)
  • जालसाजी अपराध

कंप्यूटर एक उत्कृष्ट डिवाइस (Excellent Device) है जो की रिकॉर्ड (Record) रखने व विशेष रूप से डाटा के इंक्रिप्शन को लागू करने की ताकत रखता है। 

यदि किन्हीं डाटाओं इंक्रिप्ट करके प्राप्त करता की ओर भेजा जाता है तो उन्हें बीच में ही बिना समझे चुरा लिया जाता है तो इस प्रकार की जांच एक महत्वपूर्ण भूमिका सिद्ध होती है। 

Cyber Crimes से कैसे बचे (How to protect yourself from cyber crime) –

 

सूचना सुरक्षा –

कंप्यूटर या सूचना सुरक्षा का मुख्य उद्देश्य कमजोरी को शोषण से बचने के उपाय का उद्भव है। सामान्यतः सुरक्षा तब हमारे घर को सुरक्षा देता है, यदि कोई घुसपैठ या अंदर जाने की कोशिश करता है तो हम अपने पड़ोसी को या फिर पुलिस को उसकी अवैध घुसपैठ की जानकारी देते है। 

इसी प्रकार वित्तीय सुरक्षा भी निवेश के एक समूह को शामिल करती है तो पर्याप्त रूप से वित्त पोषित है तथा हम बच्चों को भौतिक सुरक्षा का प्रयोगयह बताने के लिए करते हैं कि वह किसी संभावित से पूर्णत: सुरक्षित है। 

Computer की मानित सुरक्षा Computer से संबंधित सिस्टम के तीन महत्वपूर्ण पहलू पर आधारित है – गोपनीयता, उपलब्धता, अखण्डता आदि पर केंद्रित करता है। 

 

गोपनीयता –

यहां गोपनीयता की विधि यह तय करती है कि केवल प्रयोक्ता व प्राप्तकर्ता ही संदेश के तत्वों को प्राप्त करने में सक्षम होने चाहिए जैसे की – x तथा y को एक गोपनीय ई – मेल संदेश भेजा गया है जो z द्वारा x तथा y को बिना ज्ञात हुए ही एक्सेस यानी प्राप्त कर लिया गया है। 

इस प्रकार के आक्रमणों को अवरोधन (Interception) कहा जाता है। अवरोधनों (Interception) में एक्सेस नियंत्रण तंत्र जैसे कूटलेखन गोपनीयता की सहायता से करते है। यहां डाटा प्रतिष्ठा पर भी लागू होता है। 

 

अखण्डता –

संदेश भेजने वाले के द्वारा जब संदेश भेजें जाते है, तो प्राप्तकर्ता के पास पहुंचने से पूर्व ही यदि बदले जाएं तो यह सिद्ध हो जाएगा की अखंडता नष्ट हो चुकी है।यहां पर इस बात को तय करना है कि संदेश भेजा गया था वैसे ही अगले को प्राप्त हो गया है वह इसकी नकल, निवेश संशोधन, पुणे क्रमन या पुण्य निर्माण नहीं हुआ है।

कई बार कार्य करते समय स्थितियां ऐसी बनती है कि जहां पर यूजर एक मैसेज भेजता है वह बाद में इस बात से इंगित करता है कि अमुक व्यक्ति ने अमोघ संदेश भेजा था।

प्रयोक्ता x ने बैंक को इंटरनेट पर फंड के स्थानांतरण का निवेदन भेजा,  x के निर्देशों के अनुसार बैंक फंड का स्थानांतरण करता है, बाद में x दावा करता है कि उसने बैंक को फंड स्थानांतरण के निर्देश नहीं भेजें। इस प्रकार से x अस्वीकारता है। 

 

उपलब्धता –

यहां पर उपलब्धता का निशानी है ध्यान देता है कि संसाधन तब उपलब्ध होना चाहिए जब उसके लिए निवेदन किया जाए। जैसे एक अवैध प्रयोक्ता D के असंकल्पित कार्यों के कारण, कोई वेध प्रयोक्ता x एक सर्वर कंप्यूटर y से जुड़ने में सक्षम नहीं हो पाता है, यह उपलब्धता के विधि को समाप्त करता है। ऐसे आक्रमण को व्यवधान कहते है। 

 

Classification of Cyber Crimes (types of cyber crime) –

कंप्यूटर पर होने वाले विभिन्न अपराधों को हम कई नाम से जानते हैं या उन्हें कई प्रकार से सूचित करने का प्रयास करते है, जैसे की – साइबर अपराध, ई – अपराध, इलेक्ट्रॉनिक अपराध, डिजिटल अपराध आदि। यह वे अपराध है जिसे हमारा कंप्यूटर बाधित होता है तथा कंप्यूटर के साथ-साथ हम प्रयोक्ता भी ठगी के शिकार हो जाते है। 

अनेकों पुराने अपराध जैसे की – चोरी, तोड़ा – फोड़ी, ब्लैकमेलिंग, जालसाजी, गबन, फ्रॉड आदि आज हम देख रहे है, कि यह सब Internet पर हो रहे है। कंप्यूटर के बढ़ते प्रयोग के साथ यह सभी तरह के साइबर अपराध वर्तमान में पूरी दुनिया को प्रभावित कर रहे है, जो कि निम्न प्रकार से है –

 

ईमेल पर ठगी करना –

ईमेल डिग्गी में एक यूजर के पास ईमेल प्राप्त होती है लेकिन वह किसी फ्रॉड व्यक्ति द्वारा भेजी गई मेल प्रतीत होता है। इस प्रकार के मेल में हम कई बार ठग लिए जाते है। ईमेल पर आकर्षक ऑफर देने के नाम पर यूजर से ठगी करने का प्रयास किया जाता है।

 

जालसाजी –

दुनिया भर में इंटरनेट के बम के साथ-साथ डिजिटल जालसाजी की एक बहुत बड़ी समस्या उभर रही है। अनेकों व्यवसाय किसी सेवा को देने के लिए पहचान का प्रमाण भी चाहते है।

इसी के साथ पहचान की जालसाजी, अपराधियों के लिए बड़ा लक्ष्य तैयार होता जा रहा है तथा प्रमाण की सत्यता को प्राप्त करना कठिन कार्य है। सामाजिक सुरक्षा की संख्या क्रेडिट कार्ड संख्या या फिर बैंक खाता संख्या यह प्रभावित करने के लिए प्राप्त नहीं है कि अमुक व्यक्ति है।

यह इस प्रकार की जालसाजी कम पढ़े लिखे लोगों के साथ ज्यादा हो रही है। जालसाजी डिवाइस की मदद से दस्तावेजों को रूपांतरित तथा नकल करने की प्रतिक्रिया जालसाजी कहलाती है। डिजिटल जालसाजी में गलत चेक पासपोर्ट को थोड़े से ज्ञान व खर्च द्वारा नकल करना भी इसमें शामिल है।

 

Hacking (हैकिंग) –

हैकिंग एक हैकर के द्वारा बनाया गया गुप्त कोड होता है जो की स्मार्ट व क्रिएटिव प्रोग्राम के द्वारा तैयार किया जाता है। हैकर्स का मुख्य उद्देश्य अपने आप को फायदा पहुंचाने के साथ-साथ दूसरों को नुकसान पहुंचाना होता है।

 

Online Fraud (ऑनलाइन फ्रॉड) –

एक गंभीर साइबर क्राइम में एक कंप्यूटर ऑनलाइन फ्रॉड अग्रिम पंक्ति में गिना जाता है। जैसे कि इनपुट डाटा को बदल देना, अवैध डाटा का प्रवेश करने तथा आउटपुट को भी बदल देना। 

इसमें निम्न Froud और भी है जैसे की –

  • चोरी किए गए कार्ड का वित्तीय दुरुपयोग करना।
  • संचार टैटो द्वारा टेलीकम्युनिकेशन फ्रॉड।
  • वर्क स्टेशन पर अटैक करना।
  • वेबसाइट हैक करना।
  • पासवर्ड चुराकर गोपी नहीं है वह मुख्य डाटा का गलत use करना।

 

साइबर मान हानि –

यह किसी व्यक्ति संगठन या कंपनी या फिर किसी गैर सरकारी संगठन के लिए गलत अपवाह फैलाना या झूठ कार्यों का दिखावा करना आदि से व्यक्तिगत या उसे कंपनी की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाते है या उसे बदनाम करने की कोशिश की जाती है।

ऐसे गलत कार्य उसे व्यक्ति द्वारा किए जाते हैं जो एक व्यक्ति विशेष या कंपनी के लिए बाजार में गलत संदेश देना चाहते है। साइबर मानहानि एक समुदाय के कल्याण को पूर्ण रूपेण प्रभावित करता है तथा यह प्रकाशित मैसेज के द्वारा देश की अर्थव्यवस्था में सामाजिक व्यवस्था को भी प्रभावित करता है।

 

स्पैमिंग –

यह एक अनचाही या आंविशक्ति ईमेल को ब्लैक में भेजना कि ई – मैसेजिंग प्रणाली है। उदाहरण के तौर पर – आज हम देख रहे हैं कि हमारी ईमेल आईडी पर अनावश्यक मैसेज पर विज्ञापन आते रहते है।

जिन्हें पढ़ने के लिए हमारे पास समय नहीं होता साथ ही वह संदेश वह विज्ञापन हमारे कोई भी काम के नहीं होते हैं इसीलिए उन्हें स्पैम प्रणाली में डाल देना चाहिए।

 

सॉफ्टवेयर पायरेसी –

यदि हम काम में ले रहे सॉफ्टवेयर को बिना भुगतान किया ही उसका Use कर रहे है, तो यह सॉफ्टवेयर पायरेसी कहलाता है। जैसे कि दूसरे के सामान की चोरी करने के समान ही यह होता है।

 

ई – मेल बोम्बिंग –

इस अपराध के अंतर्गत प्रयोक्ता को अपराधी की तरफ से अत्यधिक मात्रा में वह बार-बार मेल भेजी जाती है जिससे हमारी (प्रयोक्ता) ई – मेल ID का स्पेस (Space) व्यर्थ में खराब होता है तथा इन्हें पढ़कर हम कई बार उनके झांसे में भी आ सकते है।

 

पासवर्ड क्रैकिंग (Password Cracking) –

डाटा का पासवर्ड चुराकर प्राप्त कर लेने का अपराध पासवर्ड क्रैकिंग कहलाता है। सिस्टम का अवैध Access या सिस्टम एडमिनिस्टर के द्वारा रक्षात्मक तरीका आसानी से तोड़ने योग्य Password शामिल होते है।

 

FAQs –

Q 1. Cyber Crimes क्या है?

Ans – Cyber Crimes वह प्रणाली है, जिसमे सारा Computer Network रहता है। आज के इस वर्तमान समय में इस प्रकार के अपराध बहुत हाई – प्रोफाइल (High Profile) हो चुके है। इसमें डिजिटल तथा एनालॉग सिग्नल शामिल होते है तथा इस पूरे संयोजन की आड़ में ऑनलाइन अपराध किए जाते है, इस साइबर क्राइम (Cyber Crimes) कहा जाता है। 

 

Q 2. क्या साइबर क्राइम्स अपराध है?

Ans – हाँ, साइबर क्राइम्स बहुत बड़ा अपराध है जिसकी सजा कानून देता है।

 

Q 3. साइबर क्राइम्स किस तरह का अपराध है?

Ans – वह अपराध (Crime) जो बुनियादी रूप से एक स्वतंत्र कंप्यूटर को अपना निशाना बनाता है। एक कंप्यूटर नेटवर्क को सीधा निशाना बनाने वाला अपराध जैसे की –

  • मालवेयर (Malware)
  • डेनायल ऑफ सर्विस (Denial of Service) 
  • कंप्यूटर वायरस (Computer Virus) आदि।

 

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निष्कर्ष (Conclusion) –

Cyber Crimes क्या है? – दोस्तों आज हमने आपको “Cyber Crimes क्या है?” के बारे में सारी जानकारी उपलब्ध करवाई है। अगर आपको यह Article अच्छा लगा है तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरुर Share करें और अगर आप इस Article से सम्बंधित कोई सवाल पूछना चाहते है। 

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