Data इंडिपेंडेंस क्या है, Data Independence in Hindi in DBMS, Types of Data Independence in Hindi, Level of Data Independence in DBMS in Hindi
Data Independence in Hindi – आज हम इस Post में Data Independence in Hindi के बारे में जानेगें। Data Independence, Database Management System (DBMS) में एक Important Signal है जो Data को Users से अलग करने की Capacity रखता है। इसका मतलब है कि Database Prediction, Data Modification और Data पहुंचने की Methods बदलती हैं, लेकिन इसका Data Management पर कोई Effect नहीं पड़ता है।
अगर आप इस आर्टिकल को पूरा पढ़ेगें तो आपको Data Independence in Hindi की पूरी Information के बारे में आसन व सप्ष्ट शब्दों में जान पायेंगें तो चलियें शुरू करते है…
Data Independence in Hindi –
Data Independence, Database Management System (DBMS) में एक Important Signal है जो Data को Users से अलग करने की Capacity रखता है। इसका मतलब है कि Database Prediction, Data Modification और Data पहुंचने की Methods बदलती हैं, लेकिन इसका Data Management पर कोई Effect नहीं पड़ता है। अगले लेवल में Schema Definition को बिना प्रभवित किये, एक लेवल में Schema Definition को Modify करने की Ability को डेटा इंडिपेंडेंस कहते है।
दूसरे Words में कहें तो, “DBMS में, डेटा इंडिपेंडेंस एक Speciality है जिसके द्वारा हम अगले High Level पर Database Schema को बदले बिना, Database System के एक Level पर Database Schema को बदल सकते है।”
डेटा इंडिपेंडेंस का प्रयोग करके हम Data को सभी Programs से अलग रख सकते हैं और Data इंडिपेंडेंस को Three Schema Architecture के द्वारा आसानी से समझा जा सकता है।
Level of Data Independence in Hindi (Data स्वतंत्रता के लेवल) –
DBMS के डेटा इंडिपेंडेंस में Three Levels है जो निम्नलिखित है –
First Level (Conceptual Level) –
ये Conceptual layers होते है जो Data के Logical Structure को Schema भी कहते है। यहाँ अगर कोई User Application किसी Relational Attributes के Subset पर Work करेगा तो इसके इसी Relation में New Attributes को Add किया जायेगा।
Second Level (Internal Level) –
Internal Level को Physical डेटा इंडिपेंडेंस का नाम भी दिया गया है। इसमें तार्किक डेटा इंडिपेंडेंस के समान कार्य करती है। लेकिन Physical Data स्कीमा के लिए मुख्य रूप से Internal स्तर में Computer System पर Database को Physical रूप से किस तरह दर्शाया गया है यह भी Included होता है।
View Level (दृश्य लेवल) –
इसमें स्वतंत्र का कोई Effect नही पड़ता, क्योकि View Level के उपर कोई Other लेवल होती ही नही है।
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Types of Data Independence in Hindi (Data इंडिपेंडेंस के प्रकार) –
Data इंडिपेंडेंस दो प्रकार का होता है –
- Logical Data independence
- Physical Data independence
Logical Data Independence in Hindi –
- बिना External Schema ( View Level ) को बदले तार्किक स्कीमा (Conceptual Level) को बदलना Logical डेटा इंडिपेंडेंस कहलाता है।
- इसका प्रयोग External Schema को तार्किक स्कीमा से अलग रखने के लिए किया जाता है।
- यदि हम Data के Conceptual Level पर कोई बदलाव करते है तो इसका Effect View Level पर नहीं पड़ता।
- यह user Interface Level पर Happened होता है।
- उदहारण के लिए– External Schema में बिना बदलाव किये, Conceptual Schema के लिए नयी Entities, Attributes को Add या Delete संभव है।
Physical Data Independence in Hindi –
- Logical schema में बदलाव किये बिना Physical Schema में बदलाव करना Physical डेटा इंडिपेंडेंस कहलाता है।
- यदि हम Database System Server के Storage Size को Change कर दें, तो इसका Effect Database के Conceptual Structure पर नहीं पड़ेगा।
- इसका प्रयोग Conceptual Level को Internal Level से अलग रखने के लिए किया जाता है।
- यह तार्किक इंटरफ़ेस स्तर पर घटित होता है।
- उदाहरण – Database की जगह को C Drive से D Drive में बदलना।
Advantages Of Data Independence In Hindi –
- Compatibility (Flexibility) – डेटा इंडिपेंडेंस की Presence में,Supervisor को Database Structure को बदलने की आवश्यकता नहीं होती है। User Data को आसानी से Manage कर सकते हैं और Adaptation कर सकते हैं।
- Security (Security) – डेटा इंडिपेंडेंस के माध्यम से, Database को बदलने के बिना Users को अपने Data को Safe रखने की Permission मिलती है। यह Ensure करता है कि Data केवल उन्हीं लोगों तक पहुंचता है जिन्हें उसकी आवश्यकता होती है।
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Difference Between Physical and Logical Data Independence in Hindi –
इनके Middle Difference को हम नीचे दी गयी Table के द्वारा आसानी से समझ सकते है –
Physical Data Independence | Logical Data Independence |
यह Mian रूप से इस बारे में Concern (चिंता) करता है कि Data को System में कैसे Store किया जाता है। | यह Mian रूप से Structure या Data Definition के Changes के बारे में Concern करता है। |
Logical Independence की तुलना में इसे प्राप्त करना आसान है। | Physical Independence की तुलना में इसे प्राप्त करना Difficult है। |
Physical Level में Changes करने के लिए हमें आमतौर पर एप्लीकेशन प्रोग्राम Level पर Changes की आवश्यकता नहीं होती है। | Logical Level पर Changes करने के लिए हमें आवेदन स्तर पर Change करने की आवश्यकता होती है। |
यह आंतरिक स्कीमा के बारें में बताता है। | यह Conceptual Schema के बारें में बताता है। |
Structure को बेहतर बनाने के लिए आंतरिक स्कीमा पर किये बदलाव की आवश्यकता हो भी सकती है या नहीं भी हो सकती। | जब भी Database के Logical Structure को बदलना हो, तो Logical Level पर किया गया बदलाव Important होता है। |
उदाहरण – Compression तकनीक में बदलाव, Hashing Algorithm, Storage Device आदि। | उदाहरण – New Attribute को Add/Modify या Delete करना। |
निष्कर्ष (Conclusion) –
मुझे उम्मीद है की आपको मेरी यह आर्टिकल Data Independence in Hindi जरुर पसंद आई होगा। हमने आपको इस आर्टिकल में Data Independence in Hindi की सारी Information सरल व स्पष्ट शब्दों में दी है।
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