Protocol क्या है? – परिभाषा, प्रकार और इतिहास | Top Best 10 Types of Protocol

Protocol क्या है? – आज हम इस पोस्ट में प्रोटोकॉल क्या है? (Protocol Kya Hai) के बारे में जानेगें। प्रोटोकॉल नियमों का एक Set होता है जिसका use एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में Data को Transfer करने के लिए किया जाता है।

अगर आप इस आर्टिकल को पूरा पढ़ेगें तो आपको प्रोटोकॉल क्या है? (Protocol Kya Hai) की पूरी Information के बारे में आसन व सप्ष्ट शब्दों में जान पायेंगें तो चलियें शुरू करते है…. 

 

Protocol क्या है? (Protocol Kya Hai) –

प्रोटोकॉल नियमों का एक Set होता है जिसका use एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में Data को Transfer करने के लिए किया जाता है। दूसरे शब्दों में कहें तो प्रोटोकॉल नियमों का एक Set होता है जिसका use Data को Send और Receive करने के लिए किया जाता है। प्रोटोकॉल शब्द का मतबल “नियमों का Set होता है।”

कंप्यूटर Network में Data के Give and Take के लिए भी कुछ नियम बनाए गए है जिसे हम प्रोटोकॉल

कह सकते है। कंप्यूटर Network में, प्रोटोकॉल का प्रयोग Devices और कंप्यूटरों के बीच Data को Format करने,Transmit करने और Receive करने के लिए किया जाता है। बिना प्रोटोकॉल के हम Internet का use नहीं कर सकते है।

उदाहरण के लिए –  HTTP एक Hypertext Transfer Protocol है जिसका use Internet में Files को Transfer करने के लिए किया जाता है।

 

Protocol की परिभाषा (Protocol Ki Paribhasha) –

प्रोटोकॉल नियमों का एक Set है जो Network में विभिन्न Devices के बीच Data के Communications को Sure करता है। प्रोटोकॉल, कंप्यूटर Network में Data का आदान-प्रदान कैसे होगा यह तय करता है।

बिना प्रोटोकॉल के हम Internet पर एक दूसरे से Talk नहीं कर सकते और ना ही Data को एक Device से दूसरे Device तक Send कर सकते है। 

 

Protocol का इतिहास (Protocol Ka Itihas) –

प्रोटोकॉल को Main रूप से 1970 तथा 80 के दशक में बनाया गया था प्रोटोकॉल का अविष्कार Vint Cerf और Robert E Kahn ने किया था Vint Cerf Internet के Father के रूप में भी जाने जाते है और Vint Cerf ने Internet की Fide में कई सारे Award भी जीते है। TCP/IP जैसे प्रोटोकॉल को Vint Cerf और Robert E Kahn  के द्वारा ही विकसित किया गया था।

 

इन्हें भी पढ़ें – Internet of Things Kya Hai?

                   VPN Kya Hai?

                   Internet Kya Hai?

 

Protocol के प्रकार (Protocol Ke Prakar) –

  • TCP
  • IP
  • UDP
  • POP
  • SMTP
  • FTP
  • HTTP
  • HTTPS
  • Telnet
  • Gopher

TCP –

TCP का पूरा नाम ट्रांसमिशन कण्ट्रोल प्रोटोकॉल (Transmission Control Protocol) है। यह एक ऐसा प्रोटोकॉल है जो IP (Internet Protocol) के साथ काम करता है। यह एक Transport लेयर प्रोटोकॉल है जिसका use अलग-अलग Device के बीच Communication बनाने के लिए किया जाता है।

इस प्रोटोकॉल का use करके हम Information को Transfer कर सकते है। इस प्रोटोकॉल का Main कार्य Data को छोटे-छोटे Pieces में तोडना होता है और इस Data को IP (Internet Protocol) लेयर पर भेजना होता है।

यह प्रोटोकॉल हमे यह बताता है की एक कंप्यूटर दुसरे कंप्यूटर में Data कैसे भेजना है। यह प्रोटोकॉल Network में Computing Device के बीच होने वाले Communications से पहले Connection को स्थापित करता है।

TCP
TCP
TCP के Advantages –
  1. यह एक Reliable प्रोटोकॉल है।
  2. इसमें Data के Flow को Control किया जा सकता है।
  3. यह Information या Data को Transfer करने में सहायता करता है।
  4. इसमें एक साथ में Data को दोनों Directions में Transfer किया जा सकता है।
TCP के Disadvantages –
  1. इस प्रोटोकॉल को WAN (Wide Area Network) के लिए बनाया गया है। इसलिए इसका use छोटे Network में करना मुश्किल होता है।
  2. यह Network की Speed को Slow कर देता है।
  3. यह Bluetooth Connection के साथ काम नहीं कर सकता है।

IP –

IP पूरा नाम इंटरनेट प्रोटोकॉल (Internet Protocol) होता है। यह कई नियमो का एक Set है जिसका use Internet पर Communication करने और Data Transfer की प्रक्रिया को Control करने के लिए किया जाता है।

इसके अलावा इसका use Data पैकेट को Source से Destination तक Send करने के लिए किया जाता है। इसप्रोटोकॉल को TCP/IP या UDP/IP के नाम से भी जाना जाता है जो Connectionless सेवाएं Provide करता है।

Internet Protocol का पहला Version IPv4 था। इसके बाद 2006 में इसका दूसरा Version Market में आया जिसका नाम IPv6 था। यह एक Popular प्रोटोकॉल है जिसका use बहुत तेजी से किया जाने लगा।

IP
IP
IP के Advantages –
  1. IP (Internet Protocol) का use किसी व्यक्ति या Organization के द्वारा किया जा सकता है।
  2. यह Scalable होता है।
  3. यह विभिन्न प्रकार के कंप्यूटर में Network को Established करने में सहायता करता है।
  4. यह बहुत सारें Network Routing Protocol को Sport करता है।
  5. यह Independent रूप से काम करता है।
IP के Disadvantages –
  1. यह एक Complex प्रोटोकॉल है जिसे Established करना Difficult होता है।
  2. इसे Manage करना थोड़ा Difficult होता है।
  3. इस प्रोटोकॉल को बदलना आसान नहीं है।
  4. यह LAN जैसे छोटे Network के लिए Popular नहीं है।

UDP –

UDP का पूरा नाम User Datagram Protocol (यूजर डायग्राम प्रोटोकॉल) होता है। यह एक Transport Layer Communication प्रोटोकॉल है जिसका use Internet पर Communication के लिया किया जाता है।

UDP में Data को Transfer करने से पहले Connection को Established करने की जरूरत नहीं होती क्योकि यह एक Connectionless प्रोटोकॉल है।

इस प्रोटोकॉल का use ज्यादातर Entertainment जैसे (Playing Games, Watching Videos ) के लिए किया जाता है। यह Internet प्रोटोकॉल का एक Part होता है जो TCP की तुलना में कम Reliable होता है।

UDP
UDP
UDP के Advantages –
  1. इसमें Data को Transfer करने से पहले Connection को स्थापित करने की जरूरत नहीं होती है।
  2. यह Multicasting के लिए Suitable होता है।
  3. यह तेज Motion से कार्य करने वाला प्रोटोकॉल है।
UDP के Disadvantages –
  1. यह TCP की तुलना में कम  Reliable होता है।
  2. यह Error (त्रुटि) Control का use नहीं कर सकता।
  3. इसमें Error (त्रुटि) का पता लगाना Difficult होता है।

POP –

POP का पूरा नाम Post Office Protocol (पोस्ट ऑफिस प्रोटोकॉल) होता है। यह एक Application लेयर प्रोटोकॉल है जिसका use Email Send और Receive करने के लिए किया जाता है।

इस प्रोटोकॉल का use मैसेज Transfer Agent के रूप में किया जाता है जो Client से Server तक और फिर Server तक Message को Send में सहायता करता है। POP दो प्रकार के होते है एक POP3 और दूसरा IMAP.

POP
POP
POP के Advantages –
  1. इस प्रोटोकॉल के माध्यम से user Offline रहकर भी Email को पढ़ सकता है।
  2. इसमें Server से Email Download करते समय केवल Internet Connection की जरूरत पड़ती है।
  3. POP Protocol में हमे Email को पढ़ने के लिए Permanent Internet Connection की जरूरत नहीं पड़ती। क्योकि एक बार Email Download हो जाने के बाद हम इन्हे बिना Internet Connection के भी पढ़ सकते है।
  4. इसका use करना आसान है।
  5. इसे Configure करना आसान है।
POP के Disadvantages –
  1. यदि Server से Email Download किए जाते है, तो Server से सभी Mail को Default रूप से हटा दिया जाता है जिसके कारण दूसरे कंप्यूटर Email को Access नहीं कर पाते।
  2. इसमें Mail Folder को एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में Transfer करना मुश्किल होता है।
  3. इस प्रोटोकॉल में Virus फैलना का खतरा बना रहता है।
  4. Mail Server से Download किया गया Email Folder Corrupt हो सकता है।

SMTP –

SMTP का पूरा नाम Simple Mail Transfer Protocol (सिंपल मेल ट्रांसफर प्रोटोकॉल) होता है। इसका use Software के द्वारा Internet पर Email को Send के लिए किया जाता है।

SMTP भी POP की तरह ही है इसका use भी Email Send और Receive करने के लिए किया जाता है।

इस प्रोटोकॉल में बहुत से Communication Guidelines होते है जो Email को Transfer करने में सहायता करते है। इसमें हम Video, Image, Audio और Graphics जैसे Data को Send कर सकते है।

SMTP
SMTP
SMTP के Advantages –
  1. इस प्रोटोकॉल का use करके हम एक या एक से अधिक लोगों को Email या Message Send कर सकते है।
  2. इसमें सभी प्रकार के Format में Data को Send किया जा सकता है जैसे – Text Audio, Video और Graphics आदि।
SMTP के Disadvantages –
  1. यह प्रोटोकॉल कम Safe होता है।
  2. इसमें Message या Data को Send करने में ज्यादा समय लग सकता है।

FTP –

FTP का पूरा नाम File Transfer Protocol (फ़ाइल ट्रान्सफर प्रोटोकॉल) होता है। यह एक Application लेयर प्रोटोकॉल

है जिसका use File को एक कंप्यूटर से दुसरे कंप्यूटर में Transfer करने के लिए किया जाता है।

यह प्रोटोकॉल कंप्यूटर में Web Page को Transfer करने में सहायता करता है। इस प्रोटोकॉल को TCP/IP के द्वारा Develop किया गया है। इसका use करके user Server से Files को Download कर सकता है।

यह Files को एक Transfer करते समय तीन अलग-अलग Mode का use करता है, Block, Stream और Compressed. इसके दो Connection होते है पहला Control Connection और Second Data Connection.

FTP
FTP
FTP के Advantages –
  1. यह Files को Fast Motion के साथ Transfer कर सकता है।
  2. इसका use करना सरल होता है।
  3. यह HTTP की तुलना में काफी Fast होता है।
  4. यह एक Secure Protocol है।
  5. यह बड़ी Size वाली Files को Transfer करने में सक्षम होता है।
FTP के Disadvantages –
  1. यह प्रोटोकॉल Files को Transfer करते समय Encryption की Facility प्रदान नहीं करता जिसकी वजह से Hackers Files को आसानी से Hack कर सकते है।
  2. FTP में बहुत कम user ही Mobile Device को Access कर सकते है।
  3. इसमें Error (त्रुटि) को पहचानना काफी Difficult होता है।
  4. इसमें Virus को Scan करना Difficult होता है।

HTTP – 

HTTP का पूरा नाम Hypertext Transfer Protocol (हाइपर टेक्स्ट ट्रांसफर प्रोटोकॉल) है। यह एक प्रोटोकॉल है जिसका use www (World Wide Web) यानी कि Internet में Data को Access करने के लिए किया जाता है।

यह प्रोटोकॉल Data को Plain Text, Hypertext, Audio, Video आदि के रूप में Transfer करता है। यह FTP के समान होता है क्योंकि यह File को एक Host से दूसरे Host में Transfer करता है। और FTP भी यही काम करता है।

यह FTP की तुलना में काफी आसान होता है क्योकि यह Files को Transfer करने के लिए एक Connection का use करता है। यह SMTP के समान होता है क्योकि यह Client और Server के बीच Data को Transfer करता है।

HTTP
HTTP
HTTP के Advantages –
  1. यह एक Flexible Protocol है।
  2. यह बहुत कम CPU Memory का use करता है जिसके कारण System की Performance Intact रहती है।
  3. यह एक Fast प्रोटोकॉल है।
HTTP के Disadvantages –
  1. यह Mobile के लिए Suitable नहीं होता।
  2. यह SEO (Search Engine optimization) Friendly नहीं होता।
  3. यह Data को Safe तरीके से Transfer नहीं करता।

HTTPS –

HTTP पूरा नाम Hypertext Transfer Protocol Secure (हाइपरटेक्स्ट ट्रांसफर प्रोटोकॉल सिक्योर) होता है। यह HTTP का एक Encrypted Version है जिसका use ज्यादतर Online Shopping और Banking को Security देने के लिए किया जाता है।

HTTPS का use करके Website को Secure किया जाता है जिससे कि कोई भी Hacker Website को Hack न कर पाए और user का Data Hack नहीं कर पाता।

इस प्रोटोकॉल का use करके हम Browser से किसी भी Website के साथ Communication कर सकते है। यह एक Secure Protocol है जिसमे Browser तथा Website के बीच जितना भी Communication होता है वह Encrypted होता है।

HTTPS
HTTPS
HTTPS  के Advantages –
  1. यह काफी Secure प्रोटोकॉल होता है।
  2. यह SEO (Search Engine optimization) Friendly होता है।
  3. जब user Online Transfer करता है तो यह प्रोटोकॉल user को अधिक Security Provide करता है।
HTTPS के Disadvantages –
  1. इसमें Cache के रूप में Data को चुराया जा सकता है।
  2. यह HTTP की तुलना में अधिक Server Resources का use करता है।

Telnet Protocol –

Telnet का पूरा नाम Terminal Network Protocol  (टर्मिनल नेटवर्क प्रोटोकॉल ) है जो Local कंप्यूटर को अन्य कंप्यूटर के साथ Connect करने में सहायता करता है।

Client/Server Principle (टेलनेट क्लाइंट/सर्वर सिद्धांत) पर काम करता है। इस प्रोटोकॉल का use ज्यादतर Client Program और Remote कंप्यूटर के द्वारा किया जाता है।

Telnet Protocol
Telnet Protocol
Telnet Protocol के Advantages –
  1. Telnet Protocol द्वारा बहुत सारें Resources को Access किया जा सकता है।
  2. इस प्रोटोकॉल के माध्यम से हम Free of Cost में Internet Chess Server (इंटरनेट शतरंज सर्वर) का use कर सकते है।
Telnet Protocol के Disadvantages –
  1. इस प्रोटोकॉल में केवल कुछ ही Server को Access किया जा सकता है।
  2. यह कम Safe होता है।

Gopher Protocol –

Gopher Protocol एक Application Layer Protocol है जिसका use Web Server पर Store किये गये Documents को Access करने लिए किया जाता है।

इस प्रोटोकॉल के माध्यम से हम Documents को देख भी सकते है। यह प्रोटोकॉल अलग-अलग Sites से Document को खोजने, Recovering (पुनर्प्राप्त) करने और Display करने में सहायता करता है।

Gopher Protocol
Gopher Protocol
Gopher Protocol के Advantages –
  1. Gopher प्रोटोकॉल एक सरल प्रोटोकॉल है।
  2. Gopher प्रोटोकॉल में Navigate करना आसान है।
Gopher Protocol  के Disadvantages –
  1. इसमें एक ही Screen पर Graphics और Text को Mix नहीं कर सकते।
  2. Gopher प्रोटोकॉल का use करने वाले user HTML को Sow नहीं कर सकते।

 

इन्हें भी पढ़ें – WWW क्या है?

                    Maya OS 

                    1G, 2G, 3G, 4G और 5G Mobile Network

 

 

निष्कर्ष (Conclusion) –

मुझे उम्मीद है की आपको मेरी यह आर्टिकल Protocol क्या है? जरुर पसंद आई होगा। हमने आपको इस आर्टिकल में Protocol क्या है? की सारी Information सरल व स्पष्ट शब्दों में दी है।

अगर आपको यह आर्टिकल Protocol क्या है? अच्छा लगा हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ Share जरुर करें था अपने Social Media पर भी Share करें ताकि अन्य लोगों को भी प्रोटोकॉल क्या है? के बारें में पूरी Information प्राप्त हो सकें।  

अगर आपके मन में Protocol क्या है? को लेकर कोई भी Doubts है तो आप हमें  नीच Comments लिखकर पूछ सकते है। अगर आप इसी तरह की ओर Information के बारे में जानना चाहते है तो हमारी Website Frenkstech.com के साथ जुड़े रहें। धन्यवाद !

 

FAQs –

Q. 1 Protocol क्या है?

Ans. प्रोटोकॉल नियमों का एक Set होता है जिसका use एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में Data को Transfer करने के लिए किया जाता है।

Q. 1 Protocol की परिभाषा क्या है?

Ans. प्रोटोकॉल नियमों का एक Set है जो Network में विभिन्न Devices के बीच Data के Communications को Sure करता है। प्रोटोकॉल, कंप्यूटर Network में Data का आदान-प्रदान कैसे होगा यह तय करता है।

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