Network क्या है? – प्रकार, इतिहास, उपयोग और विशेस्ताएं | Top Best 7 Components

Network क्या है? – आज हम इस आर्टिकल में जानेगे की Network क्या हैं?, नेटवर्क के प्रकार, नेटवर्क डिवाइस, नेटवर्क का इतिहास, नेटवर्क और इंटरनेट में अंतर और साथ में जानेगे की नेटवर्क के use के बारे में। सामान्य शब्दों में कहें तो Digitally रूप से हम जो भी कार्य करने में संभव हो पाते है वह Network की सहायता से पूर्ण होते है।

Internet को एक सबसे बड़े नेटवर्क के रूप में देखा जाता है क्योंकि इस नेटवर्क के माध्यम से पूरी World आपस में जुड़ी रहती है। हमने इस आर्टिकल में नेटवर्क के बारे में विस्तार से बताया है तो इसे आगे भी पढ़े

 

Network क्या है? (What is Network) –

Computers का वह Set जिसके अंतर्गत दो या दो से अधिक Computer Device एक दूसरे से Wired या Wireless रूप में जुड़े रहते है अर्थात वह नेटवर्क जिसके अंतर्गत सभी Computer Device या Computer Hardware Device एक दूसरे से Connection बनाकर रखते है और एक दूसरे को जरूरत पड़ने पर DATA का आदान-प्रदान भी करते है उसे हम Network कहते है। 

जैसा की मैंने बताया एक नेवटर्क में सभी Computer Device एक दूसरे से Wired या Wireless रूप में जुड़े रहते है। यदि नेटवर्क में Devices को Wired रूप में जोड़ते है तो उसके लिए Ethernet Cable का use सबसे अधिक किया जाता है और यदि Computer Devices को Wireless रूप में जोड़ना है तो उसके लिए हम Radio Waves का use करते है। 

अतः हम कह सकते है की एक नेटवर्क में Present वे सभी Devices जो आपस में Connected (Wire या Wireless) रहती है एक, Network कहलाती है नेटवर्क किसे कहते है ये तो आपको पता चल ही गया है तो चलिए अब जान लेते है की नेटवर्क और इंटरनेट में अंतर ….

 

नेटवर्क और इंटरनेट में अंतर

Network –

जब बहुत सारे Computing Device किसी Channel (Wire ,Wireless) के जरिए एक दुसरे से Connected होते है तो उसे नेटवर्क कहा जाता है। 

Internet –

बहुत सारे नेटवर्क को जब एक साथ जोड़ दिया जाता है तब जो Large Network बनता है उस Large Network को Internet कहा जाता है हम आज जो use कर रहे वह Internet है। 

 

नेटवर्क का इतिहास (History of Network) –

नेटवर्क के Construction की शुरुआत 1969 में हुई थी तथा इससे पहले 1960 में United Nations की ARPA (Advance Research Project Agency) के द्वारा United Nations के Security Department के लिए एक Network बनाया गया था जिसे ARPANET (Advanced Research Project Agency Network) नाम दिया गया। 

यह World का First नेटवर्क था जो Packet Switching (पैकेट स्विचिंग) पर Base था, यह Design Switching, (Lincoln Laboratory) के Jornens Robert द्वारा Design की गई थी। 

तथा इस Network को United Nations के DARPA (Department of Defense Advanced Research Project Agency) तथा Massachusetts Institute of Technology ने मिलकर बनाया था। Present समय में दुनिया का सबसे बड़ा नेटवर्क Internet है। 

 

नेटवर्क के प्रकार (Types of Network) –

एक नेटवर्क में बहुत सारे Element शामिल होते है और प्रत्येक Network की Design, Capacity, Style भिन्न होती है इसलिए नेटवर्क को कई प्रकार में बांटा गया है –

  • LAN (Local Area Network)
  • MAN (Metropolitan Area Network)
  • WAN (Wide Area Network)
  • PAN (Personal Area Network)
  • CAN (Campus Area Network)
  • SAN (Storage Area Network)
  • HAN (Home Area Network)

 

LAN (Local Area Network) –

LAN Network में किसी Guided Media को use करके दो या दो से अधिक Computer System को Physical रूप से जोड़ता है। यह एक Private नेटवर्क है जिसको हम एक Building, Company Campus या College Campus में Setup कर सकते है तथा Starting में LAN में Data Transmission रेट 4 to 16 MBPS होता था। आज LAN के द्वारा विभिन्न Category के द्वारा 10-100 Mbps तक Operate होता है।

 

LAN (Local Area Network)
LAN (Local Area Network)

Ex – LAN के विभिन्न रूप से 10 Mbps से 100 Gbps तक Data Transfer कर सकते है जैसे – Token Bus, Token Ring, Ethernet, FDDI आदि के द्वारा हम यह Data Ret Achieve करते है। 

LAN PC (Personal Computer) तथा Workstation के मध्य Resources Hardware, Software तथा Data को Share कर सकते है। किसी भी System को जोड़ने के लिए System में एक Network Interface Card की आवश्यकता होती है। इसमे Rj 45 Connector लगा होता है। 

 

MAN (Metropolitan Area Network) –

यह LAN तथा MAN के मध्य का नेटवर्क है ये नेटवर्क एक City या Town को Cover करता है, MAN किलोमीटर तक Implement किया जा सकता है यह user की High Speed Connectivity की आवश्यकता को पूरा करता है। 

 

MAN (Metropolitan Area Network)
MAN (Metropolitan Area Network)

Ex – Telephone Companies MAN का एक Part है जो user को High Speed के लिए Line Available करवाती है, इसमें Transmission Media के रूप में Coaxial Cable का use किया जाता है, Mostly MAN Internet के लिए use होता है

जिसमे ISP (Internet Service Provider) अपनी Services को End user तक MAN के द्वारा  Provide करता है। जैसे DSL Leased Line तथा Fiber Optics Lives आदि। 

 

WAN (Wide Area Network) –

इस प्रकार के नेटवर्क का सबसे बड़ा Advantage यही है की इसमें Data को जितना चाहे उतना दूर Send किया जा सकता है परन्तु Data को दूर तक Transfer करने के कारण इसकी Data Transfer करने की Speed बहुत low होती है, यदि हम WAN के Example की बात करे तो WAN Network का सबसे बड़ा Example Internet है।

 

WAN (Wide Area Network)
WAN (Wide Area Network)

ये तो आपको पता चल ही गया होगा की WAN पुरे Geographical Area को Cover करता है, इसे दो तरह के नेटवर्क में Classified किया जा सकता है। 

  • Switched WAN
  • Point to Point WAN

Switched WAN – जो End System को Add करता है तथा सामान्यत Router तथा Switched का use करते हुए विभिन्न LAN’s तथा WAN’s को Add करता है। 

Point to Point WAN – यह End System को ISPs की Line से विभिन्न प्रकार के LANs और MANs को Add करता है। 

 

PAN (Personal Area Network) –

PAN नेटवर्क एक Personal Area Network होता है जिसे Short में PAN बोला जाता है, इस नेटवर्क की Coverage Limit बहुत ही कम होती है, एक  Personal Area Network की Limit केवल आप तक ही Limited रहती है

 

PAN (Personal Area Network)
PAN (Personal Area Network)

अर्थात इसमें कुछ ही Devices Connected रहते है जो PAN नेटवर्क के under आते है जैसे – Smart Watch, Video Game.

 

CAN (Campus Area Network) –

जब दो या दो से अधिक Local Area Network एक साथ Containing होकर एक छोटे से Area को Cover करते है तो उसे Campus Area Network कहा जाता है। यह नेटवर्क Educational तथा Military Institutions में अधिक use होता है, इसका Scope Institution Specific तक ही Limited होता है इसलिए इसे Campus नेटवर्क कहते है।

 

CAN (Campus Area Network)
CAN (Campus Area Network)

एक College के Campus में 4 या 5 छोटे-छोटे नेटवर्क होते है और उन नेटवर्क को एक दूसरे से Connect करने पर जो नेटवर्क बनता है उस नेटवर्क को Campus Area नेटवर्क कहते है। 

 

SAN (Storage Area Network) –

Storage Device को आपस में Connect करने के लिए जो नेटवर्क Create किया जाता है उसको SAN कहा जाता है।यह एक High Speed नेटवर्क है। इस नेटवर्क का use Server या Data Center पर किया जाता है।

Basically इस SAN नेटवर्क को बाहर के दूसरे LAN या WAN के Traffic से कोई लेना-देना नहीं रहता है। इसमें सिर्फ Storage Device ही Connect रहता है इसलिए इसका नाम Storage Area Network है। 

 

HAN (Home Area Network) –

एक Home Area Network जिसे हम Short में HAN के नाम से जानते है इस नेटवर्क की Limit PAN से कुछ ज्यादा होती है अर्थात एक घर में लगे नेटवर्क को हम HAN बोल सकते है जब एक घर में Single नेटवर्क हो और सभी Devices इस Single नेटवर्क से Connect हो तब हम इसे HAN कहते है। 

 

HAN (Home Area Network)
HAN (Home Area Network)

जैसे- एक घर में WI-Fi लगा हुआ है जिसमे सभी इंटरनेट Devices इस WI-Fi का use कर रहे है। अब जो WI-Fi से Connected सभी Devices का नेटवर्क तैयार होगा उसे हम HAN बोलते है। 

 

इन्हें भी पढ़ें – Computer क्या है?
                   Function Key क्या है?
                   Super Computer क्या है?

 

नेटवर्क Device (Network Devices) –

नेटवर्क Device वह होते है जो दो या दो से अधिक Computers को आपस में Add करके एक ऐसे नेटवर्क का Construction करते है। जिनकी Help से वह आपस में एक दूसरे के साथ अपने अंदर मौजूद Data को एक दूसरे से Shear कर पाते है।

वर्तमान समय में ऐसे अनेकों Device है जो इसे कार्य के लिए Networking Devices की Role निभा रहे है। Networking Devices को हम निम्न Parts में Division कर सकते है –

 

Internal Devices –
  • Network Interface Card (NIC)
  • Wireless Network Interface Controller
  • Bluetooth Dongle

 

External Devices –
  • Hub
  • Switches
  • Routers
  • Brouters
  • Bridges
  • Repeater
  • Modem
  • Gateway
  • Wi-Fi Router and Broadband Router
Portable Devices –
  • Wi-Fi Hotspot
  • Portable Modem Dongle

 

नेटवर्क का Use (Uses of Network) –

  • Common words में कहे तो एक नेटवर्क का use Notifications को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाने और दो या दो से अधिक Computers को आपस में Add करने के लिए किया जाता है।
  • एक नेटवर्क का use Email, Video या कॉल कॉन्फ्रेंसिंग, ऑनलाइन बिजनेस, होम एप्लीकेशन आदि Works में किया जाता है।
  • Notifications के आदान-प्रदान हेतु इसका use अधिक Amount में किया जाता है। Internet के माध्यम से आप जिन Notifications को प्राप्त करते है वह Notifications भी किसी न किसी नेटवर्क के माध्यम से ही आपको Receive होती है।
  • इसका use किसी Data को Computer नेटवर्क में Store करने के लिए भी किया जाता है। जिस कारण यह Storage Capacity को बढ़ाने का भी Work करता है।
  • इसके माध्यम से किसी Information या किसी File को तीव्र गति से दूसरे नेटवर्क में Add या Send किया जा सकता है। यह Instant Message आदान-प्रदान जैसी Facility Provide करता है। 

 

इन्हें भी पढ़ें – WEBP Full Form 
                   ATM Full Form 
                   UPS Full Form 
                   URL Full Form 

 

नेटवर्क में use किये जाने वाले कंपोनेंट्स –

नेटवर्क Components वे Device या Unite होते है जो नेटवर्क में Data का आदान-प्रदान करने के लिए use में लिए जाते है। इसमें हम निम्न Components का Study करेंगे – 

Modem –

Modem शव्द Modulation से Mo तथा Demodulation से Dem को आपस में Add कर बनाया गया है, Modem एक Device होता है जो Analog वाले Signals को Modulator कर Digital सूचना में Incode करता है तथा पुनः Digital सूचना को Demodulator Analog वाले Signals में Decode करता है। 

Modem का मुख्य Objective होता है ऐसे Signals को उत्पन्न करना जिन्हे एक Computer से दूसरे Computer तक आसानी से तथा कम Expenses से Send किया जा सके। 

Ex – Voice Modem यह Electronic Signal, Telephone के द्वारा एक Computer से डिजिटल Data को Telephone चैनल की Voice Frequency रेंज Computer तक आसानी से Transmit किये जा सकते है एव Receptor दिशा पर आसानी से Demodulator कर Original डिजिटल Data प्राप्त किया जा सकता है। 

Ethernet Card –

Ethernet Card को नेटवर्क Interface Card (NIC) भी कहा जाता है। Ethernet Card Hardware Device या एक Types का नेटवर्क adapter होता है जो Ethernet मानक के High Speed नेटवर्क Connection को Help करता है। 

Ethernet Card की Help से एक नेटवर्क से Transmit कर सकता है। यह Equipped OSI Model में Layer 1 Physical Layer तथा Layer 2 Data Link Layer की तरह Work करता है, यह MAC Address की Help से Low Level Addressing System Provide करता है। 

इस Card में RJ45, BNL या Socket बने होते है जहां नेटवर्क Card को जोड़ा जाता है, इन Card पर LED भी लगी होती है जो यह दर्शाती है की Card पर लगा नेटवर्क Active है या Inactive. 

Switch –

Switch को नेटवर्क Switch या Switching हब के नाम से भी जाना जाता है। Switch एक Networking Tips  है जो विभिन्न नेटवर्क Computer को आपस में Connect करता है। 

Switch की Procedure साधारण हब की Procedure से अलग होती है। जहां हब में एक Source से प्राप्त Data या Information हब से Connected सभी Tips को Send की जाती है वही Switch में Source Computer से प्राप्त Data या Information Destination Address के अनुसार Cable Destination Computer या Destination Tips को ही Transmit की जाती है। स्विच की Help से नेटवर्क के Traffic को भी Controller किया जा सकता है। 

 

Hub –

हब को Ethernet हब, Active हब या Repeater Hub के नाम से भी जाना जाता है। HUB एक प्रकार की Electronic Device है जो मल्टीपल Device को Twisted Pair की Help से आपस में Add करता है इन्हे जो सिग्नल Provide किया जाता है वो नेटवर्क Segment Provide करता है, हब OSI Model की पहली Layer Physical Layer पर कार्य करता है। 

हब निम्नलिखित दो प्रकार के होते है –

  • Active Hub
  • Passive Hub

Rj 45 Connector –

Rj 45 एक Physical कनेक्टिंग Device है जो local access carrier या long distance carrier के विभिन्न प्रकार के Telecommunication और Data Device को आपस में जोड़ने के लिए use किया जाता है।single line connector के अन्य उदहारण है Rj 11, Rj 14, Rj 21, Rj 48, Rj 45 single line connector है। 

Rj45 connector, कोमनली नेटवर्क, Cable तथा telephone equipment के लिए use में लिया जाता है, Rj45 में कुल 8 pin होती है जिन्हे pin 1 to pin 8 से जाना जाता है। 

Gateway –

नेटवर्क में काम आने वाली Tips जैसे Protocol Translator, Fault Isolators, Signal Translator, Impedance Matching आदि Gateway कहलाते है, एक Simple Language में Protocol Convertor को Gateway कहा जाता है Protocol Convertor के Tip होता है जो एक Protocol Stack को दूसरे Protocol Stack में बदला जाता है। 

Protocol Converter –

OSI Model की सभी Layer पर Work कर सकता है, Gateway एक नेटवर्क Point की तरह होता है जो एक दूसरे नेटवर्क के लिए प्रवेशांक की तरह Work करता है, होस्ट Computer या Gateway किसी भी इंटरनेट के लिए Nod या Sopping Point  की तरह काम करता है। 

यदि दो ऐसे नेटवर्क को आपस में Connect करना है जो की अलग-अलग Protocol Stack पर Base हो तो उनके बीच नेटवर्क Gateway लगाना अति आवश्यक है। उदहरण- Internet to Bit Gateway.

 

नेटवर्क की विशेस्ताएं (Characteristics of Network) –

नेटवर्क की जरूरत या नेटवर्क की विशेस्ताएं निम्नलिखित है, इन्ही विशेस्ताएं के कारण नेटवर्क को use किया जाता है – 

  • फैसिनेटिंग संचार – नेटवर्क के द्वारा दो या दो से अधिक Computer या दूसरी Electronic Device के बीच Data या Information का आदान-प्रदान किया सकता है। 
  • शेयरिंग सॉफ्टवेयर – नेटवर्क से जुड़े Computer के Software की आपस में Sharing की जा सकती है। 
  • शेयरिंग Hardware – नेटवर्क के द्वारा किसी भी Hardware Equipped जो नेटवर्क में जुडी हो को Sharing कर सकते है, (ex – Shared Network Printer) की Help से लेख Document को Print करना। 
  • सुरक्षित – नेटवर्क के द्वारा केवल चुनिंदा user को ही Permission Provide करके हम नेटवर्क की Security बड़ा सकते है। 
  • Sharing File, Data और सूचना – इसके द्वारा किसी भी Computer (जो की नेटवर्क से जुड़ा हो) की File तथा उसमे रखा Data एव Information को Shear किया जा सकता है। 
  • गति बढ़ाना – क्योकि नेटवर्क में एक से अधिक Computer होते है, अतः नेटवर्क में प्रत्येक कार्य बहुत Speed के साथ होता है। 
  • सूचना का संरक्षण – संरक्षण का अर्थ होता है Safe करना या Safe रखना, अतः नेटवर्क द्वारा एक Computer की Information Computer पर Shear करके Safe रख सकते है, अगर एक Computer खराब भी हो जाता है तब भी इसकी Information दूसरे Computer पर मिल जाएगी। 

 

नेटवर्क Topology किसे कहते है?

नेटवर्क Topology एक layout pattern होता है जो नेटवर्क को विभिन्न element के बीच Inter Connection को दर्शाता है। (विभिन्न एलिमेंट-विभिन्न Computer और दूसरी Tips नेटवर्क में जुडी हो)

नेटवर्क Topology दो प्रकार की हो सकती है –

  • लॉजिकल टोपोलॉजी (Logical Topology)
  • फिजिकल टोपोलॉजी (Physical Topology)
  1. लॉजिकल Topology का अर्थ है नेटवर्क में Data किस प्रकार Transfer होता है। 
  2. फिजिकल Topology का अर्थ है नेटवर्क में Physical Design जिसमे विभिन्न Tips उनकी स्थिति तथा Cable Installation शामिल है। 
इन्हें भी पढ़ें – Bing Search Engine से पैसे कैसे कमाए?
                   91 Club App से पैसे कैसे कमाए?
                   Mobile से Online पैसे कैसे कमाए?

 

 

निष्कर्ष (Conclusion) –       

दोस्तों आज आपने हमारे इस Article में Network क्या है? और Network के प्रकार के बारे में जाना है। आज Networking का Knowledge हर किसी को होना बहुत ही जरूरी है क्योंकि आज हम नेटवर्क से घिरे हुए है। हम आशा करते है की हमारा यह Article हमारी अन्य पोस्ट की तरह आपके लिए लाभदायक सिद्ध रहा हो।

अगर आपको यह आर्टिकल Network क्या है? अच्छा लगा हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ Share जरुर करें तथा अपने Social Media पर भी Share करें ताकि अन्य लोगों को भी Network क्या है? के बारें में पूरी सुचना प्राप्त हो सकें। 

अगर आपके मन में Network क्या है? को लेकर कोई भी Doubts है तो आप हमें नीच Comments लिखकर पूछ सकते है। अगर आप इसी तरह की ओर Information के बारे में जानना चाहते है तो हमारी Website Frenkstech.com के साथ जुड़े रहें। धन्यवाद !

FAQ –

Q. What is Computer Network in Hindi?

जब दो Computer Device या उससे अधिक Computer Device को आपस में किसी Data का आदान-प्रदान करने के लिए Add किया जाता है तो उसे हम Computer नेटवर्क कहते है।

Q. Networking kya hota hai?

नेटवर्क के अंतर्गत बहुत से Computers आपस में Add रहते है और इन Computers को आपस में Add करने की पूरी Process को ही हम Networking कहते है।

Q. वाइड एरिया नेटवर्क क्या है?

WAN का पूरा नाम Wide Area Network होता है और इसमें Data को दूर तक Transfer किया जाता है.

Q. लोकल एरिया नेटवर्क क्या है?

LAN का पूरा लोकल एरिया नेटवर्क होता है और इसे हम एक भवन, कंपनी परिसर या कॉलेज परिसर में Setup कर सकते।

Q. नेटवर्क का मुख्य उद्देश्य क्या है?

नेटवर्क का मुख्य Objective होता है दो या दो से अधिक Computer Device के मध्य Wired या Wireless रूप में Connection बनाना और जरूरत पड़ने पर Data का Transfer करना।

Leave a Comment