BIOS क्या है – प्रकार, कार्य, इतिहास और अंतर | All Best Information 2024

BIOS क्या है – आज के इस Article में हम आपको BIOS क्या है के बारे में संपूर्ण जानकारी देने वाले है और BIOS के प्रकार, कार्य और यह कंप्यूटर में कहां स्टोर होता है आदि के बारे में भी विस्तार से बताएंगे। इसलिए इस Article को पूरा पढ़ें, तो चलिए जानते है ….

 

BIOS क्या है (What is BIOS) –

BIOS का पुरा नाम “Basic Input Output System” होता है। जब हम कंप्यूटर को स्टार्ट करते हैं तब हमारे स्क्रीन पर दिखाई देने वाली छवि बायोस होती है और इसे ही हम बायोस कहते है।

बायोस एक सॉफ्टवेयर है जो कंप्यूटर चालू होने पर अपने आप Run करने लगता है, अगर हम दूसरे शब्दों में कहे तो यह एक Program है जिसका इस्तेमाल Hardware को Menage करने के लिए होता है।

बायोस कंप्यूटर के मदरबोर्ड के साथ जुड़ा हुआ होता है जब हम कंप्यूटर चालू करते है तो यह अपने आप Start हो जाता है। यह एक Program है इसलिए यह कंप्यूटर को Boot करने के लिए महत्वपूर्ण तरीके से जिम्मेदार होता है। यह कंप्यूटर Hardware के सभी कनेक्शन का पता लगता है और उनकी जांच भी करता है की सभी कनेक्शन अपना कार्य सही तरीके से कर रहे हैं या नहीं।

इसका मुख्य कार्य Hardware को सही तरीके से Set करना होता है और ऑपरेटिंग सिस्टम को Start करना होता है यह इनपुट और आउटपुट डिवाइस को नियंत्रित करता है बायोस कंप्यूटर की ROM Memory में उपस्थित होता है। CPU Operating System लोड होने से पहले ही बायोस को Access कर लेता है जिसकी वजह से कंप्यूटर को शुरू होने से ही स्टार्ट कर देता है।

 

BIOS का इस्तेमाल सबसे पहले किसने किया था?

बायोस सॉफ्टवेयर का प्रयोग पहली (IBM) के द्वारा वर्ष 1981 में किया गया था। IBM इससे Software का प्रयोग अपने आप के पर्सनल कंप्यूटर में किया था। कुछ ही समय में यह काफी लोकप्रिय साबित हुआ जिसके बाद इस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल सभी कंप्यूटरों में किए जाने लगा।

 

BIOS को किन-किन नामो से जाना जाता है?

बायोस को “BYE-oss” के नाम से भी जाना जाता है। और इस Software को और भी कई नामो से भी जाना जाता है जैसे – ROM BIOS, PC BIOS, System BIOS, Flash BIOS, Legacy BIOS, Motherboard BIOS, UEFI आदि।

 

BIOS का पुरा नाम –

बायोस का पुरा नाम “Basic Input Output System” होता है और इसे हिंदी में आधार निवेश निर्गम तंत्र कहते है। इसका इस्तेमाल Computer के माइक्रोप्रोसेसर के द्वारा कंप्यूटर सिस्टम को चालू करने के बाद Run करने के लिए किया जाता है।

 

BIOS के प्रकार –

बायोस के मुख्य रूप से दो भाग है:

 

  1. Legacy BIOS: यह पुराने प्रकार का बायोस है जो की काफी लम्बे समय से कंप्यूटर में प्रयुक्त हो रहा है।
  2. UEFI (Unified Extensible Firmware Interface): यह भी बायोस का एक प्रकार है इसका नाम कम ही सुना जाता है क्युकी इसे आधुनिक कंप्यूटर में इस्तेमाल किया जाता है।

 

BIOS का कार्य – 

बायोस के अनेक प्रमुख कार्य होते है:- 

1. Power on Self Test की प्रकिर्या करना –

बायस का पहला कार्य यह चेक करना होता है कि हमारे कंप्यूटर का हार्डवेयर सही तरीके से कार्य कर रहा है या नहीं इस प्रक्रिया को ही Power on Self Test कहते है।

2. Booting –

यह हमारे कंप्यूटर में Booting का भी कार्य करता है जिसमें ऑपरेटिंग सिस्टम का पता लगाया जाता है और ऑपरेटिंग सिस्टम को स्टार्ट किया जाता है।

3. सॉफ्टवेर और ड्राईवर को लोड करना –

उसके बाद बायोस उन सभी सॉफ्टवेयर और ड्राइवर को कंप्यूटर में संपूर्ण तरीके से लोड करता है जिसके बाद कंप्यूटर चालू होने पर ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ रन करने लगता है।

4. कंप्यूटर रजिस्टर को इनिशियलाइज़ करना – 

इसके बाद बायोस कंप्यूटर में सम्पूर्ण registers को इनिशियलाइज़ करना है क्युकी उसी दोरान ही कंप्यूटर सही तरीके से कार्य कर पाएगा।

5. BIOS Setup करना –

बायोस सबसे Last में CMOS में बायोस Setting की जाँच करता है. Computer Start होने के बाद CMOS से सभी Setting को Load करता है ताकि डीजे सही तरीके से कार्य करें।

 

BIOS कंप्यूटर में किस स्थान पर स्टोर होता है –

यह कंप्यूटर में मौजूद मदरबोर्ड में लगी हुई इलेक्ट्रॉनिक चिप में स्टोर रहता है जिसका नाम CMOS (कंप्लीमेंट्री मेटल ऑक्साइड सेमीकंडक्टर) है। इस Chip में ही बॉयोस की पूरी सेटिंग मौजूद रहती है यह कंप्यूटर में समय दिनांक, कंप्यूटर पासवर्ड को बदलने की अनुमति देता है।

 

कंप्यूटर में BIOS की Setting Open कैसे करें – 

बायोस सेटिंग को ओपन करने के लिए सबसे पहले आपको अपने कंप्यूटर को Restart करना होगा। Restart होने के बाद कंप्यूटर तब चालू होता है तब आपको कंप्यूटर के कीबोर्ड में एक शॉर्टकट की का इस्तेमाल करना है। वह शॉर्टकट की F2, F12, Delete या ESC इन सब में से एक को बिना समय बर्बाद किए हुए दबाना है जिससे आपके कंप्यूटर में बायोस सेटिंग Open हो जाएग।

 

BIOS का इतिहास –

बायोस का आविष्कार 1975 में Gary Kildall के द्वारा किया गया थाइस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल पहली बार CPM ऑपरेटिंग सिस्टम में किया गया था। प्राचीन समय में बायोस का इस्तेमाल बूटिंग के दौरान लोड किए गए CPM मशीन के विशेष भाग के वर्णन करने के लिए किया जाता था। 1990 के दौरान इसे अपने आप के पर्सनल कंप्यूटर में इस्तेमाल किए जाने लगा।

बायोस का शुरुआती दौर में ROM Chip स्थिति किया जाता था कुछ समय बाद बायोस को ROM Chip से हटाकर EEPROM या Flash Drive में स्थित किया जाने लगा।

 

BIOS को बनाने वाली कम्पनी – 

  1. Foxconn
  2. AMI
  3. Hewlett Packard (HP)
  4. Ricoh
  5. Asus

 

BIOS और CMOS में अंतर – 

CMOSBIOS
CMOS का पुरा नाम Complementary Metal Oxide Semiconductor होता है।इसका पुरा नाम “Basic Input Output System” होता है।
CMOS एक Hardware है जो की Mother Board में लगा रहता है।बायोस सॉफ्टवेर है जिसे ROM के अन्दर स्टोर किया जाता है।
CMOS का प्रमुख कार्य बायोस की Setting को सुरक्षित और सही तरीके से Store करना है।बायोस का कार्य POST की प्रकिर्या करना, Boot करना और ड्राइवर को Load करना होता है।
CMOS को बेटरी के द्वारा Power मिलती है।बायोस को CMOS के द्वारा Power यानी शक्ति मिलती है।

 

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FAQs –

Q 1. बायोस का कार्य क्या है?

Ans – बायोस का कार्य Power on Self Test की प्रकिर्या करना, Bootingसॉफ्टवेर और ड्राईवर को लोड करना, कंप्यूटर रजिस्टर को इनिशियलाइज़ करना और BIOS Setup करना है।

 

Q 2. बायोस का पुरा नाम क्या है?

Ans – इसका पुरा नाम “Basic Input Output System” होता है।

 

Q 3. BIOS और CMOS में अंतर क्या है?

Ans – 

CMOSBIOS
CMOS का पुरा नाम Complementary Metal Oxide Semiconductor होता है।इसका पुरा नाम “Basic Input Output System” होता है।
CMOS एक Hardware है जो की MotherBoard में लगा रहता है।बायोस सॉफ्टवेर है जिसे ROM के अन्दर स्टोर किया जाता है।
CMOS का प्रमुख कार्य बायोस की Setting को सुरक्षित और सही तरीके से Store करना है।बायोस का कार्य POST की प्रकिर्या करना, Boot करना और ड्राइवर को Load करना होता है।
CMOS को बेटरी के द्वारा Power मिलती है।बायोस को CMOS के द्वारा Power यानी शक्ति मिलती है।

 

निष्कर्ष (Conclusion) –

दोस्तों आज हमने आपको BIOS क्या है, बायोस के प्रकार, कार्य, अंतर, इतिहास आदि के बारे में विस्तार से समजाने का प्रयास किया है। अगर आपको यह Article ज्ञानवर्धक लगा है तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर Share करें और अगर आप इस Article से सम्बन्धित कोई सवाल पूछना चाहते है तो हमे Comment Box में पूछ सकते है और आप इसी तरह की जानकारियों के बारे में जानना चाहते है तो हमारी Site के साथ जरूर जुड़े धन्यवाद!

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